Harpies Skin Disease Reason in Hindi:हर्पीज़ त्वचा रोग के कारण, बचाव और जरूरी टिप्स

By Kapil Choudhary

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harpies skin disease reason in hindi

आज हम बात करने वाले हैं Harpes Skin Disease के बारे में ये वाइरल इन्फेक्शन के कारण होता हैं जो दुनिया भर में सामान्य हैं। इसका पूरा नाम हर्पीज़ सिम्प्लेक्स वायरस (HSV) हैं। इस इसमे त्वचा में संक्रमण होता हैं जो स्किन में चकते बना देता हैं। आइए इस आर्टिकल पर इस संक्रमण के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करे जैसे हर्पीज़ स्किन रोग का कारण क्या हैं? इसका इलाज कैसे होता हैं और इसमे क्या सावधानी रखनी चाहिए।

Harpies Skin Disease क्या हैं?

यह रोग त्वचा में वाइरल संक्रमण के तौर पे फैलता हैं। हर्पीज़ दो प्रकार के होते हैं HSV-1 और HSV-2। ये वायरस शरीर में एक बारे प्रवेश करने के बाद शरीर के नर्व्स सेल्स में छिप जाते हैं और इम्यूनिटी कमजोर होने पर ये फिर से ऐक्टिव हो सकते हैं और स्किन पर ये इन्फेक्शन पैदा कर सकते हैं।

हर्पीज़ कितने प्रकार के होते हैं?

हर्पीज़ दो प्रकार के होते हैं HSV 1 और HSV 2

HSV 1: ये ओरल हर्पीज़ होता हैं जो मुख्य रूप से मुह,हॉट और चहरे के आस-पास घाव की तरह इन्फेक्शन पैदा करते हैं। ये प्रॉब्लेम साफ-सफाई ना रखने के कारण पैदा होती हैं और बर्तन या ब्रश जैसी चीजों के माध्यम से हमारे शरीर में प्रवेश करता हैं।

HSV 1 के लक्षण

  • मुह के आसपास कुछ छोटे-छोटे फफोले होना।
  • मुह के आस-पास फफोले बनने से पहेले त्वचा में जलन या दर्द का आभास होना।
  • लासिका ग्रन्थि में सूजन आ जाना।
  • बुखार, सिर दर्द और शरीर में भी दर्द हो सकता हैं।

HSV-2: ये जेनेटिल टाइप हर्पीज़ हैं जो जननंग के क्षेत्रों में संक्रमण करता हैं। इसे Genital Herpes कहा जाता हैं जो यौन संपर्क के समय एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता हैं।

HSV 2 के लक्षण

  • जननांग के आस-पास फफोले बनना।
  • फफोले बनने से पहेले या बाद में जननांग के आस-पास खुजली या जलन होना।
  • मूत्र त्याग करते समय दर्द महसूस होना।
  • बुखार, सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द होना।

आइए अब Herpes Skin Disease फैलने के कारण क्या हैं।

हर्पीज़ त्वचा रोग के कारण (Harpies Skin Disease Reason in Hindi)

HSV एक बहूत ही ज्यादा संक्रमण वाला रोग हैं और आसानी से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भी फैल सकता हैं। HSV रोग फैलने के कुछ मुख्य कारण निम्नलिखित हैं।

  • जब HSV से संक्रमित व्यक्ति से किसी प्रकार का direct संपर्क होता हैं तब हर्पीज़ फैल सकता हैं। जैसे गाल पर किस करना या चुंबन लेना।
  • यह रोग यौन एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के साथ यौन संबंध बनाने से भी फैल सकता हैं। जैसे वजाइनल,ओरल या ऐनल।
  • ये वायरस कभी दिखाए बिना भी शरीर से बाहर निकल सकता हैं और एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता हैं।
  • यदि एक महिला गर्भवती होने के बाद हर्पीज़ से संक्रमित हैं तो वह अपने बच्चे को जन्म देते समय संक्रमित कर सकती हैं।
  • गंदे बर्तन और स्किन को साफ सफाई ना देने के कारण भी ये रोग हो सकता हैं।

HSV से बचाव करने के कुछ उपाय

आपके किसी व्यक्ति के संपर्क में रहते हैं और उन्हे HSV हैं या अन्य चीजों के माध्यम से HSV से बचाव करना चाहते हैं तो नीचे दीये गए उपाय का पालन कर सकते हैं।

  1. यौन संपर्क के समय कोंडोमन्स का इस्तेमाल कर सकते हैं।
  2. संक्रमित व्यक्ति से यौन संबंध या या शारीरिक इनरैक्शन करने से बचे जैसे किस करने से बचे।
  3. अपनी त्वचा की अच्छी तरह से देखभाल करे और खुद की स्किन को हमेशा हाइजेन रखे।
  4. अगर बार बार यह रोग होता हैं तो डॉक्टर से सलाह ले और मेडकैशन ले।

HSV का उपचार कैसे होता हैं?

HSV का कोई पूर्ण रूप से इलाज नहीं हैं ये जीवनभर हो सकता हैं किन्तु कुछ medication से इस समस्या में राहत पाई जा सकती हैं। HSV वायरस को पुन:शक्रिय होने से बचाने के लिए डॉक्टर की सलाह के आधार पर ऐन्टीवाइरल दवाई का उपयोग किया जा सकता हैं और इस समस्या की ट्रीट्मन्ट की जा सकती हैं।

HSV के साथ कैसे जिए?

हर्पीज़ एक लाइफ्टाइम संक्रमंण हो सकता हैं लेकिन ऐसा भी नहीं हैं के हम इस रोग के कारण अपनी ज़िंदगी नहीं जी सकते। इस समस्या के में राहत पाने के लिए उचित उपचार और साफ सुधरा जीवन जी सकते हैं जिससे यह वायरस दोबारा शक्रिय नहीं हो पाएगा। आप आराम से अपनी लाइफ जी पायेगे।

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FAQs- HSV से संबंधित कुछ प्रश्न-उत्तर

Q.1 हर्पीज़ बीमारी में हम क्या कहा सकते हैं?

प्रोटीन वाले फूड्स, मसाला और हर्ब्स, जिंक से भरपूर फूड्स एवं फल, विटामिन से भरपूर फूड्स एवं फल।

Q.2 हर्पीज़ बीमारि में क्या नहीं खाना चाहिए?

हर्पीज़ बीमारी में फेट, ज्यादा मीठा और बाहर का खाना नहीं खाना चाहिए।

Q.3 हर्पीज़ बीमारी ठीक होने के कितने केस हैं?

हर्पीज़ सिम्प्लेक्स वायरस से ठीक होने के कोई भी केस NCBI के हिसाब से नहीं हैं हालकी इसके औटबरेक यानि बार-बार इस वायरस को शक्रिय होने से रोक जा सकता हैं अगर हम कुछ सावधानी रखे और सही उपचार ले।

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